Baboolarishat Syrup (अभयारिष्ट सिरप)
Weight:
- 225ml
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Specifications:
आयुर्वेद में "चिकित्सा के राजा" के रूप में जाना जाने वाला अभयारिष्ट, अभयारिष्टम या अभ्यारिष्ट जड़ी बूटी अभय का किण्वित तरल हर्बल निर्माण है, जिसे हरीतकी के रूप में भी जाना जाता है।
उपयोगिता - पंचगव्य अभयारिष्टम या अभयारिष्ट एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक मिश्रण (काढ़ा) है जिसका उपयोग बवासीर, कब्ज, पेट फूलना, गैस और पेट फूलने के इलाज के लिए किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, अभयारिष्ट में रेचक गुण होता है जो कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है। यह गुण गुदा फिस्टुला के लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है। इसमें वात संतुलन गुण भी होते हैं जो पाचन अग्नि को उत्तेजित करते हैं, जिससे बवासीर जैसी स्थितियों को प्रबंधित करने में मदद मिलती है।
अभ्यारिष्ट इतना प्रभावी क्यों है - एक अत्यंत लाभकारी जड़ी बूटी, हरीतकी (अभय) का उपयोग मधुमेह के प्रबंधन, पाचन को बढ़ावा देने, कब्ज से राहत देने और शरीर की उपचार क्षमताओं को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग गले की खराश को ठीक करने और सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसे फेफड़ों के संक्रमण के इलाज के लिए भी किया जाता है।
घटक
बबूलछाल, धायपुष्प, पीपल, जायफल, कंकोल, दालचीनी, इलायची, तेजपत्र, नागकेशर, लोंग, कालीमिर्च , हरीतकी, मुनक्का , विडंग, छोटा गोखरू ,निशोथ ,धनिया ,धातकी पुष्प, इंद्रजो ,इंद्रायण, चव्य, शुंठी , दंती मूल ,मोचरस इत्यादि
रोगाधिकार
कब्ज, भूख की कमी और उदर विकारों में उपयोगी। यह पंचगव्य की प्रसिद्ध दवा है अभयारिष्ट का प्रयोग उचित मात्रा में, रोग और रोगी का बल, रोगी की पाचन-शक्ति और कब्ज का ध्यान में रखकर करना चाहिये।
सेवन विधि
15 से 20 मिली बराबर सादा जल में मिलाकर खाने के बाद सुबह शाम या चिकित्सक पे परामर्शानुसार