Dashmoolarisht Syrup
Weight:
- 225ml
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Specifications:
पंचगव्य दशमूलारिष्ट प्राचीन आयुर्वेदिक औषधियों में से एक है. आपको बता दें कि इसका इस्तेमाल महिलाओं के लिए किया जाता है. महिलाएं इसका इस्तेमाल पोषणयुक्त दवाई के रूप में करती हैं. इसके साथ ही ये इनके प्रसव के कमजोरी से उबरने के लिए उपयोगी है. इसे बनाने के लिए 50 से अधिक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का प्रयोग किया जाता है. इसमें अश्वगंधा, मंजिशता और द्राक्षा आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं. ये प्रभावी और स्वाभाविक रूप से प्रसव के बाद कमजोरी और संबंधित तनाव से उबरने में मददगार है. दशमूलारिष्ट नई माताओं के लिए तेजी से स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित करता है और मातृत्व की कठोरता का सामना करने के लिए शारीरिक रूप से उन्हें तैयार करता हैं. यह चयापचय में सुधार लाने और पाचन शक्ति में मदद करता है.
घटक
बेल, गोक्षुर, कंटकारी, शालपर्णी, लोध्र, चित्रक, गिलोय, आंवला, खादिर, हरड़, बहेड़ा, पुनर्नवा, मंजिष्ठा, देवदारु, विडंग, लिकोरिस, जटामांसी, जीरा, अनंतमूल, निसोथ, रास्ना, पिप्पली, हल्दी, पद्मक, नागकेसर, जीवक, नागरमोथा, कुटज, करकटश्रृंगी, तगर, मुनक्का, धातकी, चंदन, इलायची, तेजपत्ता, लौंग, गुड़, शहद
दशमूलारिष्ट के लाभ
आयुर्वेदिक शास्त्रीय दवा दर्द निवारक (एनाल्जेसिक) के रूप में काम करती है।
प्रसवोत्तर महिलाओं के लिए अत्यधिक प्रभावी और उपयुक्त। सबसे अच्छी रसायन दवा के रूप में काम करता है।
पीठ दर्द जैसे वात विकारों के लिए अनूठा फार्मूला। दर्द के इलाज में फायदेमंद एंटी-इंफ्लेमेटरी जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं।
औषधीय पौधों (दशमूल) की दस अलग-अलग जड़ों का पारंपरिक संयोजन वात दोष और वात के असंतुलन के कारण होने वाले विकारों को शांत करने में मदद करता है।
सेवन विधि
15 से 20 मिली दशमूलारिष्ट लें या चिकित्सक के निर्देशानुसार लें इसे उतनी ही मात्रा में गुनगुने पानी में मिलाएँ बेहतर स्वास्थ्य के लिए दिन में एक या दो बार भोजन के बाद इस मिश्रण का सेवन करें