Mahashudarshan Ghanwati
Weight:
- 60 vati
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Specifications:
पंचगव्य महासुदर्शन घन वटी एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक दवा है जो आपको स्वाइन फ्लू, वायरल बुखार आदि जैसे संक्रामक वायरल संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है। पंचगव्य महासुदर्शन घन वटी आपके सिस्टम में वायरस को मारती है, प्रतिरक्षा को बढ़ाती है और संक्रमण के कारण होने वाली खांसी और दर्द को शांत करती है। यह जटिलताओं को ठीक करती है और आपको संक्रमण को और अधिक होने से रोकती है। बुखार और दर्द से जल्दी ठीक होने के लिए पंचगव्य महासुदर्शन घन वटी लें।
महा सुदर्शन घन वटी बुखार को कम करने के लिए फायदेमंद है। इसमें पाचन क्रिया होती है और इसे कड़वा टॉनिक माना जाता है। यह भूख बढ़ाता है और अपच को कम करता है। इसलिए, यह बुखार में होने वाली भूख न लगना, अपच और पेट में भारीपन के इलाज के लिए भी फायदेमंद है। यह बुखार से जुड़े हल्के सिरदर्द और शरीर के दर्द के इलाज में मददगार है। इसके अलावा, यह आंत्र को साफ करने में मदद करता है, इसलिए इसका उपयोग हल्के कब्ज को प्रबंधित करने के लिए भी किया जा सकता है जब रोगी को लगता है कि आंत्र ठीक से साफ नहीं हुआ है या पूरी तरह से खाली नहीं हुआ है। यह पूरी तरह से मल त्याग को प्रेरित करने में मदद करता है।
घटक
आंवला, हरड़, बहेड़ा ,हल्दी ,दारू हल्दी ,छोटी कटेरी ,बड़ी कटेरी कचूर, सोंठ, काली मिर्च ,पीपल, पीपरामूल, मूर्वा , गिलोय ,जवासा, कुटकी ,पित्तपापड़ा, नागर मोथा ,नेत्र वाला, नीम ,पुष्करमूल, मुलेठी ,कूड़ा की छाल, अजवाइन ,इंद्रजो,भारंगी , सहिजन ,फिटकरी ,वचा ,दालचीनी, खस सफेद चंदन, अतीस ,खरैटी एवं चिरायता इत्यादि
रोगाधिकार
यह समस्त ज्वरों में उपयोगी है। इसके सेवन से विषमज्वर एवं सन्निपात ज्वर इत्यादि में लाभ होता है। यह शीतल पाचक पौष्टिक एवं ज्वर का नाश करने वाली , कृमिनाशक एवं अरुचि को दूर करने वाला है।
सेवन विधि
2-2 वटी प्रातः गर्म जल से अथवा शाम को भोजन के बाद गर्म दूध के साथ चिकित्सक परामर्शानुसार