Amla Petha Meetha
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Specifications:
पंचगव्य आंवला कैंडी एक स्वादिष्ट फ़ूड है जिसे भारतीय जैविक आंवले से तैयार कर नए रूप में पेश किया गया है। यह स्वादिष्ट कैंडी आंवला, चीनी, ग्लूकोज पाउडर और अन्य जड़ी-बूटियों को मिलाकर बनाई गई है। यह पाचन में मदद करती है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है। इस स्वादिष्ट और पौष्टिक कैंडी का सेवन भोजन के बाद किया जा सकता है जिसमें फाइबर और विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं, जो स्वस्थ बालों, चमकती त्वचा और बेहतर दृष्टि को बढ़ावा देते हैं। यह एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है, इसमें एंटी-एजिंग और एंटी-स्ट्रेस गुण होते हैं।जिसमें फाइबर और विटामिन की मात्रा अधिक होती है, जो स्वस्थ बालों, चमकती त्वचा और बेहतर दृष्टि को बढ़ावा देता है। यह एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है, इसमें एंटी-एजिंग और एंटी-स्ट्रेस गुण होते हैं। यह कायाकल्प करने वाला फल अब उपलब्ध है इसके लाभ पाने के लिए दिन में दो बार 2/3 कैंडी खाएं। हमारी सूखी आंवला कैंडी स्वाद में मीठी होती है, और सभी को पसंद आती है।
एसिडिटी और कब्ज से राहत
जिन लोगों को एसिडिटी की समस्या रहती है, उन्हें आंवला चूर्ण का सेवन करना चाहिए। इससे पेट की जलन शांत होती है। आंवला पेट को ठंडक पहुंचाता है और इससे दिमाग भी शांत रहता है।
जिन लोगों को कब्ज की समस्या रहती है, वे यदि आंवले का मुरब्बा, आंवला चूर्ण या ताज़ा आंवला कैंडी नियमित रूप से खाएं तो उनका पाचन तंत्र ठीक से काम करने लगता है। आंवले में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो पेट को साफ करने का काम करता है और मोशन को स्मूद बनाता है।
स्वस्थ रहने के लिए खाएं आंवला
अगर आपको अक्सर कोई ना कोई बीमारी जकड़ लेती है तो इसका अर्थ यह भी होता है कि आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर है। नियमित रूप से आंवले का सेवन इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक होता है।
सेवन विधि: तालू बदलने और पाचन में सहायता के लिए भोजन के बाद एक कैंडी दिन में तीन बार लें।
आंवला विटमिन-सी से भरपूर होता है और विटमिन-सी हमारे शरीर की श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBC) को बूस्ट करने का काम करता है। हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इन सफेद रक्त कोशिकाओं पर ही निर्भर होती है।